शुक्रवार, 13 जनवरी 2017

होमियोपैथी के विकास का मुद्दा चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल करें राजनीतिक दल


लखनऊ।  होम्योपैथिक चिकित्सकों ने राजनीतिक दलों से आगामी चुनावी घोषणा पत्र में होम्योपैथी के विकास के मुद्दे को शामिल कर होम्योपैथी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की अपील की है । केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के वरिष्ठ सदस्य एवं रिसर्च सोसाइटी आफ होम्योपैथी के सचिव डॉ0 अनुरुद्ध वर्मा ने राजनीतिक दलों को भेजे पत्र में कहा है कि प्र्रत्येक राजनीतिक दल के चुनाव घोषणा पत्र में स्वास्थ्य नीति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह पार्टी की जनस्वास्थ्य के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का द्योतक होता है। इस सम्बन्ध में आपको अवगत कराना है कि भारत में वर्तमान में प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों में होम्योपैथी पद्धति सबसे सरल, सुलभ, दुष्पारिणाम रहित, अपेक्षाकृत कम खर्चीली एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने वाली एक मात्र पद्धति है। उत्तर प्रदेश जैसे जनसंख्या बहुल एवं विकासशील देश में एलोपैथी जैसी खर्चीली एवं ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता वाली पद्धति से सभी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधायें उपलब्ध करा पाना संभव नही है जबकि होम्योपैथी पद्धति के माध्यम से कम खर्च एवं अल्प संसाधनों में प्रदेश की जनता को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधाये आसानी से उपलब्ध करायी जा सकती है। ऐसी स्थिति में एलोपैथी पर आधारित स्वास्थ्य नीतियों के निर्धारण के स्थान पर होम्योपैथी को केन्द्रित कर नीतियाँ बनाने की आवश्यकता है। 

    उन्होंने राजनीतिक दलों को भेजे पत्र में होम्योपैथी के विकास के लिये स्थायी राज्य होम्योपैथी विकास नीति बनाने, प्रदेश की समस्त ग्रामपंचायतों एवं पी0एच0सी0 स्तर पर सुसज्जित होम्योपैथिक चिकित्सालय स्थापित कर जनता को होम्योपैथी की सुविधायें उपलब्ध कराने, नवागत होम्योपैथिक चिकित्सकों को क्लीनिक/चिकित्सालय खोलने के लिये असान शर्तों पर अनुदान/ऋण दिये जाने, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों एवं शिक्षकों को एलोपैथी के समान वेतन, भत्ते, प्रोन्नति एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने, जिला चिकित्सालयों में संचालित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर उन्हें जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय के रूप में विकसित किये जाने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यरत होम्यापैथिक चिकित्साधिकारियों को एलोपैथी के बराबर मानदेय एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जायें तथा उन्हें नियमित किया जाये तथा होम्योपैथिक औषधियां उपलब्ध कराये जाने, होम्योपैथिक मेडिकल कालेजों में केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के मानकों को पूरा कर शिक्षण एवं प्रशिक्षण की समस्त सुविधायें उपलब्ध कराये जाने, प्रदेश में होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार के लिये राज्य होम्योपैथिक स्वास्थ्य शिक्षा ब्यूरो की स्थापना कराने, क्लीनकल स्टेबलिसमेन्ट एक्ट में होम्योपैथिक चिकित्सकों के लिये अलग से प्राविधान किये जाने, राज्य में होम्योपैथिक का बजट बढ़ाया जाय तथा राज्य आयुष मिशन में होम्योपैथी की सहभागिता बढ़ाये जाने की अपील की है।


(डॉ0 अनुरुद्ध वर्मा)
सचिव
9415075558

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