गुरुवार, 1 दिसंबर 2016


आज के ही दिन यानी 1 दिसंबर के दिन पूरी दुनिया में ‘विश्व एड्स दिवस’ के रूप में मनाई जाती है। जिसका उद्देश्य होता है लोगों को इस खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करना। ऐसे में बुधवार को विश्‍व एड्स दिवस की पूर्वसंध्या के अवसर पर जिले के टांडा तहसील के सुलेमपुर परसावां में स्थित रामलाल आदर्श इंटर कालेज में चित्रकार राजकपूर चितेरा ने छात्राओं की फेस पर पेंटिंग कर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह विशेष अभियान की पहल किया। स्कूली बच्चों में जागरूकता अभियान के तहत आर्ट टीचर व स्कूली बच्चों ने बड़े उत्साहपूर्वक फेस पेंटिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 

इस अवसर पर छात्रों को एड्स के बारे विस्तार से जानकारी दी। एड्स जागरूकता संबंधी कार्यक्रम में चित्रकार राजकपूर चितेरा ने छात्रों के फेस पर पेंटिंग किया। जिसमें एड्स महामारी रूपी डायन का चित्र विशेष आकर्षण का केंद्र बनी थी। डायन बनाने के पीछे चितेरा का उद्देश्य है कि भयंकर रूप में एड्स रूपी डायन लोगो का जीवन को अँधेरा की ओर ले जा रही हैं। इसमे रंगों का चयन काला था । दूसरे में हेल्थ से सम्बंधित चित्र थे जिसमें संयम और सदाचारी रखे तो समाज से इस बीमारी को काफी हद तक बचा जा सकता है। तीसरे फेस में डेथ यानि मृत्यु पर बनाई गयी थी जिसका भाव था, कोई भी एचआईवी एड्स से नया व्यक्ति ना तो पीडि़त हो और ना ही एड्स के कारण किसी की मृत्यु । चौथे में स्टॉप यानी जागरूकता के रूप में यानी एचआईवी संक्रमण की दर को रोकते हुए शून्य स्तर तक लाना । छात्राओं के सिर पर कागज का बना मुकुट लगाया था। जिसमे जागरूकता सम्बन्धी स्लोगन 'सप्पोर्ट एड्स अवेरनेस' और ‘गैटिंग टू जीरों’ यानी लोगो को इस माह अभियान से जुड़ने के लिए अपील किया गया था। 
इस अवसर पर राजकपूर चितेरा ने कहा कि वे भविष्य में हर तरह की समस्या से जूझने, जरूरतमंद की सेवा करने देश में जागरुकता फैलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि परहेज बचाव ही इस बीमारी से बचने का नियम है। उन्होंने कहा कि आत्मनियंत्रण रक्त के आदान-प्रदान में पूर्ण परीक्षण करवाने ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। अपने आप पर इस अवसर पर मौजूद युवा कवि अजय कुमार चौबे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता लानी चाहिए। साथ इस बीमारी को लेकर फैली भ्रांतियों से भी लोगों को अवगत करना चाहिए।
-Rainbow News Network

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