शुक्रवार, 3 मार्च 2017

अम्बेडकरनगर: प्राथमिक विद्यालय घूरनपुर के प्रधानाध्यापक कलेक्टर कार्यालय में चलाते हैं कंप्यूटर जिससे......

अम्बेडकरनगर। जिले के इब्राहिमपुर थाना से सटे घूरनपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर एक साल से ऊपर जिलाधिकारी के कार्यालय में कंप्यूटर चला रहे हैं और यहाँ के बच्चे अक्कड़-बक्कड़ खेल रहे हैं। ऐसे मेंशिक्षा का अलख जगाने का नारा बेमानी साबित हो रहा है। प्राथमिक विद्यालय घूरनपुर के बच्चों की शिक्षा राम भरोसे हैं साथ ही मिड डे मील योजना भी यहाँ ध्वस्त चल रही है। ज्ञात हो कि इस विद्यालय में हेड मास्टर के पद पर शैदा हुसैन नामक शिक्षक की तैनाती वर्ष 2015 से हुई थी। लेकिन यह जनाब पंचायत चुनाव से ही जिलाधिकारी के कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्य कर रहे हैं, जिसके चलते विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई चौपट होती नजर आ रही है। मिड डे मील तो इन बच्चों को आज तक नसीब ही नहीं हुआ, और ना ही बच्चों को अभी तक ड्रेस उपलब्ध हो सका है। 
यहाँ पढ़ने वाले बच्चे फटे-पुराने कपड़ों में ही शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। प्राथमिक विद्यालय घूरनपुर में शिक्षा का आलम यह है कि एक सहायक अध्यापक, एक शिक्षामित्र और एक किसान शिक्षामित्र के कन्धे पर पूरे स्कूल की जिम्मेदारी है लेकिन हेड मास्टर के ना होने से ये सब बेलगाम हो गए हैं ऐसे में सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल में शिक्षा और अनुशासन व्यवस्था का हाल कैसा होगा। प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा की बदहाल व्यवस्था के चलते ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ने लगा है। मालूम हो कि शिक्षा की अलख जगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में हेड मास्टर के साथ एक सहायक अध्यापक के अलावा शिक्षा मित्र एक किसान शिक्षामित्र की तैनाती का नियम है लेकिन इस विद्यालयच में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात शैदा हुसैन जिलाधिकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर हाजरी भर कर वेतन उठा रहे हैं। 
वही शिक्षा विभाग प्राथमिक विद्यालय पर हेड मास्टर अभी तक तैनात नहीं कर सका है जिसके कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है। ऐसे में "सब पढ़ो सब बढ़ो" नारे को पलीता लग रहा है। जिला प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। अब धीरे-धीरे अभिभावक भी अपने बच्चों को इस विद्यालय में भेजने से कतराने लगे हैं। इस ग्राम सभा में जब प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई थी तब यहाँ के लोगों को यह उम्मीद थी कि अब यहाँ भी शिक्षा की किरण जगमगाएगी लेकिन यहां पर शिक्षा की लौ जलने से पहले ही बुझती नजर आ रही है। कारण हेड मास्टर कंप्यूटर चला रहे है, शिक्षामित्र रजिस्टर भर रही है। और इसी तरह सहायक अध्यापक भी खानापूर्ति ही कर रही है। वही इस बाबत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, जांच कर कारवाई की जाएगी।
 

रिपोर्ट- प्रफुल्ल श्रीवास्तव, 9919647987

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